ठंड से शरीर पर बाल क्यों खड़े हो जाते हैं ?
जब बाल खड़े होते हैं तो उनमें अनेक वायु की सूक्ष्म कोटरिकाएँ बन्द हो जाती हैं जो रोधक पदार्थ का कार्य करती हैं और शरीर की ऊष्मा को बाहर नहीं निकलने देतीं। हाथों-पैरों पर बाल छोटे होते हैं और केवल खड़े होकर ही यथार्थ रोधक पदार्थ की भाँति कार्य कर सकते हैं। सिर पर बाल हाथों-पैरों के बालों की तुलना में लम्बे होते हैं और पहले से ही अपनी प्राकृतिक अवस्था में अच्छे रोधी पदार्थ का कार्य करते हैं।
सिर पर बाल मस्तिष्क की बाहय अत्यधिक ऊष्मा से रक्षा करते हैं, किन्तु शारीरिक ऊष्मा का संरक्षण करने में कोई विशेष सहायक नहीं होते। अफ्रीकी लोगों के बाल सामान्यतः घुँघराले होते हैं, जो अत्यधिक सूर्य-आघात से रक्षा करते हैं। सिर के बालों का प्राथमिक कार्य ऊष्मा- रोधी नहीं है। मनुष्य में सिर के बालों का कार्य विपरीत लिंग के व्यक्ति आकर्षित करना भी है। कुछ जन्तुओं, जैसे बिल्ली की खोपड़ी के बाल खड़े नहीं हो सकते, परन्तु इसके शरीर के बाल खड़े हो जाते हैं जिससे यह दुगुनी बड़ी दिखाई देती और अपने शत्रु को डरा देती है।