यह फव्वारा क्या है? यह अद्भुत रंग का फव्वारा है जो पहले लाल रंग में, फिर यह सफेद रंग में और अंत में नीले रंग में परिवर्तित हो जाता है।
उद्देश्य- तीन रंगों वाला फव्वारा बनाना ।
आवश्यक सामान-चोड़े मुंह की काँच की बोतल, रबड़ की कॉर्क, आधा मीटर लंबी रबड़ की नली, एक ड्रॉपर, चार गिलास, दो-दो ग्राम बोरियम क्लोराइड, सोडियम सायलीसिलेट, सोडियम फेरोसाइनाइड, फैरिक अमोनियम सल्फेट ।
फव्वारा बनाने की विधि-
1. पहले रबड़ की कॉर्क में दो छेद करो। एक छेद में ड्रॉपर और दूसरे छेद में काँच की नली फंसा दो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
2. अब पहले गिलास-1 में डालकर पानी भरकर फैरिक अमोनियम सल्फेट की थोड़ी सी मात्रा का घोल बना लो।
3. गिलास-2 में सोडियम सायलीसिलेट का घोल बना ला ।
4. गिलास – 3 में बोरियम क्लोराइड की 20 बूंदें डाल दो।
5. गिलास-4 में थोड़े से पानी में सोडियम फेरोसाइनाइड का घोल बना लो।
6. काँच की बोतल में आधा पानी भरकर उसमें थोड़ा-सा फैरिक अमोनियम सल्फेट का घोल डालो ।
7. बोतल के मुंह में स्टापर लगाकर उसे दिए गए चित्र की तरह उल्टा लटका दो। ड्रॉपर के निचले भाग द्वारा रबड़ की एक नली को जोड़कर उसका दूसरा सिरा गिलास नम्बर-1 में डुबो दो।
8. काँच की नली के नीचे एक गिलास रख दो। बोतल हिलाने के कुछ समय पश्चात् बोतल में भरा घोल काँच की नली द्वारा बूंद-बूंद करके नीचे गिरने लगता है। साथ ही बोतल में लगे ड्रॉपर द्वारा फव्वारा छूटता दिखाई देने लगता है।
9. काँच की नली के नीचे एक-एक करके गिलास रखकर फिर तीनों रंग दिखाई देते हैं। ऐसा क्यों होता है?- जब बोतल में से काँच की नली द्वारा पानी नीचे गिरता है तो बोतल के अंदर आंशिक निर्वात उत्पन्न हो जाता है। इस निर्वात के कारण गिलास नम्बर-1 में से पानी बोतल में जाने लगता है और ड्रॉपर के मुंह से पानी फव्वारे के रूप में दिखाई देने लगता है।