तरबूज पकने के पश्चात् लाल कैसे हो जाता है?
तरबूज के लाल गूदे का रंग मुख्यतः जल-विलेय कैरोटीनाभ वर्णक ‘लाइकोपीन’ के कारण है। इसमें अन्य वर्णक, जैसे कैरोटीन और जैन्थोफिल भी अल्प मात्रा में उपस्थित होते हैं। फल की परिपक्वता की अवधि में लाइकोपीन व अन्य कैरोटीनाभ का संश्लेषण होता है और ये गूदे में संचित हो जाते हैं। नारंगी या गहरे लाल रंग के गूदे वाले तरबूज में वर्णक की अपेक्षित मात्रा भिन्न होती है। टमाटर, अमरूद और पपीता के लाल या गुलाबी रंग के लिए लाइकोपन ही उत्तरदायी है। लाइकोपीन का कोई पोषणज मान नहीं होता ।
जल-विलेय वर्णक ‘ऐन्थोसाइएनिन’ फूलों, कुछ फलों (अंगूर, जामुन, झरबेर, बैंगन आदि) और पत्तियों के विभिन्न आकर्षक रंगों के लिए मुख्यतः उत्तरदायी होते हैं।