सोलर (सौर) घड़ी क्या है?-यांत्रिक घड़ियों के आविष्कार से पहले लोग समय देखने के लिए सौर घड़ियों को प्रयोग में लाते थे। सूर्य की किरणों से किसी डंडे की परछाई की स्थिति के अनुसार समय का पता लगाया जा सकता था। सोलर घड़ी के द्वारा जो समय पता लगता था वह अंदाजे के अनुसार काफी हद तक ठीक होता था। लेकिन इन घड़ियों से समय केवल उस समय तक देखा जा सकता था जब तक सूर्य प्रकट रहता था। सूर्य के छिपने के पश्चात् इन घड़ियों को किसी भी तरीके से प्रयोग में नहीं लाया जा सकता था। और यदि दिन के समय आकाश में बादल छा रहे हों तो उस दिन भी इन घड़ियों से समय का पता नहीं लगता था ।
यहां पर एक सोलर घड़ी की जो विधि दी जा रही है इसके द्वारा आप स्वयं देख सकते हैं कि इसके द्वारा बताया गया समय किस हद तक सही है।
उद्देश्य-सोलर घड़ी बनाकर समय को देखना ।
आवश्यक सामान – गत्ते की पट्टी, फुट्टा, पेंसिल, गोंद, एक काँच का जार ढक्कन के साथ, स्वेटर बुनने की सलाई, लकड़ी तथा प्लास्टसिन ।
सोलर घड़ी बनाने की विधि-
(1) सोलर घड़ी बनाने के लिए आपको ढक्कन वाले काँच के एक बेलनाकार जार की जरूरत होगी। लगभग 1 इंच चौड़ी गत्ते की इतनी लम्बी पट्टी की जरूरत होगी जिसके द्वारा जार के अन्दर की सतह को पूरी तरह ढका जा सके। आपको एक फुट्टा, पेंसिल, गोंद और स्वेटर बुनने की सलाई की भी आवश्यकता पड़ेगी। लकड़ी का स्टैंड बनाने के लिए लकड़ी और प्लास्टसिन की आवश्यकता होगी।
(2) फुट्टे और पेंसिल द्वारा गत्ते की पट्टी को 24 हिस्सों में बराबर बांट लो। प्रत्येक हिस्से को अब पेंसिल से चार भागों में बांट लो। अब गत्ते की पट्टी को जार के साथ अन्दर चिपका दो ताकि आप के द्वारा लगाए पेंसिल के निशान अन्दर की ओर रहें।
(3) स्वेटर बुनने वाली सलाई को ढक्कन में छेद करके अन्दर प्रविष्ट करवा दो। जार की तली में प्लास्टिसिन के साथ एक पॉइंटर लगा दो ।
(4) अब जार को किसी त्रिकोण मेज पर या लकड़ी के स्टैंड पर दिए गए चित्र की तरह लगा दो। स्टैंड का झुकाव 90° से आपके स्थान का देशान्तर मान के अन्तर के बराबर होना चाहिए।
(5) आप अपने जार को और स्टैंड को दोपहर के 12 बजे इस प्रकार रखो कि सलाई की परछाईयां गत्ते की पट्टी पर लिखे 12 से मिल जाए। अब जार को स्टैंड पर इसी स्थिति में चिपका दो ।
(6) आप की बनाई हुई घड़ी अब समय दर्शाएगी। इसकी परछाई से 1 घंटे के चौथाई हिस्से तक का ज्ञान प्राप्त हो जाएगा। क्योंकि आपका प्रत्येक हिस्सा 4 छोटे-छोटे हिस्सों में बंटा हुआ है। इस प्रकार आप एक सोलर (सौर) घड़ी बना सकते हो और इससे समय का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।