साबुन की तुलना में डिटर्जेन्ट से वस्त्र अधिक साफ क्यों हो जाते हैं?
साबुन में उच्चतर वसीय अम्ल के सोडियम अथवा पोटैसियम के लवण होते हैं। इन साबुनों की असुविधा यह है कि कठोर जल में, जिसमें कैल्सियम तथा मैगनीसियम के लवण होते हैं, कपड़े साफ नहीं होते और न ही झाग उत्पन्न होता है। संश्लिष्ट डिटर्जेन्ट का विकास होने से वस्त्रों को धोने की क्रिया कठोर व कोमल जल समान रहती है।
अच्छे धोवन-पदार्थों में पॉलीफॉस्फेट अथवा संकर फॉस्फेट मुख्य घटक है। सम्मिश्र यौगिक यौगिक बनाने से ये जल की कठोरता उदासीन कर देते हैं। इस प्रकार तल-क्रियाशील डिटर्जेन्ट की धोवन-क्षमता में वृद्धि करते हैं। समस्त धोवन-उत्पादकों में कुछ विरंजक पदार्थ होते हैं जो 60% सें. ग्रे. से अधिक तापमान पर ऑक्सीजन निष्कासित करते हैं। उचित स्थिरीकारक पदार्थ की उपस्थिति में यह ऑक्सीजन धूल अथवा धब्बों को विरंजित करती है।
सफेद करने वाले पदार्थ पराबैगनी किरणों को दृष्टिगोचर प्रकाश में रूपांतरित करके धुलाई की एक ब्रिलियेंट सफेदी लाते हैं। धोवन-पदार्थों में तन्तु-रक्षक, प्रसारक पदार्थ, सुगंध, रंगीन पदार्थ, त्वचा- रक्षक आदि श्रृंगार-प्रसाधन मिलाए जाते हैं। मुख्य आयन सक्रिय डिटर्जेन्ट एल्किल सल्फेट, एल्किल सल्फोनेट, एल्किल ऐरिल सल्फोनेट से बनाए जाते हैं।