मछली पानी से बाहर क्यों मर जाती है?
अन्य प्राणियों की भांति मछली को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। हवा में 20 प्रतिशत और जल में एक प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। पानी से ऑक्सीजन पृथक करने के लिए मछलियों में गलफड़े होते हैं जिनमें पतली त्वचा से विलेपित अनेक सूक्ष्म रक्त वाहिकाएँ होती हैं। मछली अपने मुंह में पानी भरकर गलफड़ों के ऊपर से बाहर निकालती है। जब पानी गलफड़ों से गुजरता है तो इसमें स्थित रक्त-वाहिकाएँ जल में घुली ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती हैं। मछली को पानी से बाहर निकालने से नम्य गलफड़े, जो जल में पृथक् होते हैं, एक-दूसरे से चिपक जाते हैं। वायु में गलफड़ों की अनावरण सतह बहुत कम हो जाती है और मछली वायु से ऑक्सीजन ग्रहण नहीं कर पाती। मछली दम घुटन से मर जाती है। मछलियों की कुछ उपजतियों में फेफड़े होते हैं जो पानी से बाहर हवा में तीन-चार वर्षों तक जीवित रह सकती हैं।