कुछ लोग सोते समय खर्राटे क्यों लेते हैं?
सामान्यतः हम सब अपनी नाक से साँस लेते हैं। सोते समय कुछ लोगों की नाक बन्द हो जाती है और मुँह खुला रहता है। ऐसी अवस्था में ये लोग मुँह से साँस लेते हैं। जागते समय मुँह के अन्दर ऊपर के भाग की त्वचा कसी होती है। सोते समय यह त्वचा अल्प मात्रा में शिथिल हो जाती है। जब वायु मुँह के अन्दर-बाहर गति करती है तो यह शिथिल त्वचा फड़फड़ाकर खटि की ध्वनि उत्पन्न करती है। नाक साफ करके तथा मुँह बन्द करके सोने से खर्राटे लेते हैं, इसलिए करवट से लेटना हितकर है। लगभग 9 प्रतिशत पुरुष, 36 प्रतिशत स्त्रियाँ तथा 50-60 प्रतिशत उच्च रक्त दाब से पीड़ित व्यक्ति खर्राटे लेते हैं।