क्या प्रकाश वस्तुओं के आर-पार भी जाता है?
जब कोई वस्तु किसी तत्व या पदार्थ को लेकर, उसे दूसरों के लिए फिर लौटा देती है तो इस क्रिया को परावर्तन कहते हैं।
परावर्तन का अर्थ है-फिर लौटा देना। यह बात समझी जा चुकी है कि प्रकाश में परावर्तन का गुण होता है। तो क्या प्रकाश की किरण के रंगों में भी यह गुण होता है, अर्थात् क्या रंग भी लौटते हैं?
हां, रंग भी लौटते हैं।
प्रकाश की किरणों में सात रंग होते हैं। सूर्य की किरणें सभी चीज पर पड़ती हैं।
प्रकाश की किरणों में सात रंग होते हैं। सूर्य की किरणें सभी चीज पर पड़ती हैं।
पर ऐसा होता नहीं है। इसका कारण यह है कि, सभी चीजों में रंग के लौटाने का गुण एक-सा नहीं होता। संसार में जितनी चीजें हैं वे अलग-अलग रंगों को अलग-अलग संख्या में लौटाती हैं। कुछ ऐसी चीजें हैं, जो सभी रंगों को सोख कर केवल एक ही रंग लौटाती हैं, इसके विपरीत कुछ वस्तुएं दो, कुछ तीन और कुछ चार रंग लौटाती हैं, फलस्वरूप कोई वस्तु हमें एक रंग की, कोई दो रंग की और कोई तीन तथा चार रंग की दिखाई पड़ती है।
मकान के ऊपर जो खपरैल हैं, उसके रंग को देखो। वह लाल रंग की है। उसने किरणों में पाये जाने वाले छः रंगों को तो सोख लिया है। और लाल रंग को लौटा दिया है।
इसीलिए वह लाल रंग की दिखाई पड़ रही है।
वृक्ष हरे दिखाई पड़ते हैं वे हरे रंगों को लौटा कर शेष रंगों को पचा जाते हैं। पीले गुलाब का फूल पीले रंग का होता है। वह केवल पीले रंग को ही लौटाता है।
गुलाब के फूल कई रंग के होते हैं। जो गुलाब जिस रंग को लौटाता है, वह उसी रंग का दिखाई पड़ता है।
इसी तरह दीवारों के रंग भी हमें अलग-अलग दिखाई पड़ते हैं। सफेद दिखाई पड़ने वाली दीवारें सभी रंगों को लौटा देती हैं। अगर सफेद दीवारों को किसी रंग से रंग दिया जाये तो वे उसी रंग की दिखाई पड़ने लगेंगी। इसका अर्थ यह है कि वे उस समय जिस रंग की दिखाई पड़ रही है केवल उसी रंग को लौटा रही है।
जो चीज किसी भी रंग को नहीं लौटाती वह बिल्कुल काली और अंधकारमय दिखाई पड़ती है।
बिजली के बल्ब से सफेद रोशनी इसलिए निकलती है कि वह सभी रंगों को लौटा देता है।
बिजली के बल्ब के ऊपर लाल या हरे रंग का शेड लगा दिया जाए, तो जिस रंग का शेड लगाया जाएगा रोशनी का रंग भी वही हो जाएगा। इसका अर्थ यह हुआ कि, उस समय बल्ब की रोशनी केवल उसी रंग को लौटा रही है, जिस रंग में दिखाई पड़ रही है।