परमाणु का सिद्धांत
Theory of Atom
600 वर्ष ईसा पूर्व से लेकर 600 ई. तक बौद्ध-जैन काल माना जाता है। इस काल की न्याय और वैशेषिका पद्धति बड़ी प्रसिद्ध हैं। वैशेषिका पद्धति में ही कणाद ने अपना परमाणु सिद्धान्त बताया है।
ईसा से लगभग 500 वर्ष पूर्व कणाद नाम के वैज्ञानिक हुए, जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में अनेक खोजें कीं। उन्होंने ही सबसे पहले बताया कि सृष्टि परमाणुओं से बनी हुई है। उनका मत था कि प्रकृति में परमाणु पृथक् अवस्था में नहीं रह सकते। वह द्रव्य को अनिश्चित रूप से विभाज्य नहीं मानते थे। प्राचीन भारतीयों के परमाणु का आकार एक इंच के 3. 5/1 से भी कम बताया। आश्चर्य है कि यह माप उद्जन परमाणु के आधुनिक मापों से मिलता है।
कणाद, प्रकाश और ताप को भी एक ही पदार्थ के भिन्न रूप मानते थे।