घर पर जादू की घिरनी बनाने वाला प्रयोग।
घिरनी के घूमने का कारण-जैसे ही आप हाथ पास लाते हो वैसे ही हाथ से निकलने वाली गर्मी आस-पास की हवा को गर्म कर देती है जिससे हवा में संवहन धाराएं पैदा हो जाती हैं। इससे घिरनी घूमने लगती है। हमारी हथेली उंगलियों की अपेक्षा अधिक गर्म होती है। इसलिए घिरनी हथेली से उंगलियों की ओर घूमती है। यदि किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है तो उसका हाथ अधिक गर्म होता है जिसके कारण घिरनी अधिक तेजी से घूमती है।
उद्देश्य – अपने आप घूमने वाली घिरनी बनाना ।
आवश्यक सामान-एक सुई, पतला पतंगी कागज ।
जादू की घिरनी बनाने की विधि-
(1) कागज को मेज पर फैलाकर पेंसिल से उस पर एक आयत रेखांकित कर लें।
(2) कागज को काटकर आयत के आमने-सामने के कोनों को पेंसिल से मिला दो। अर्थात् आयत के कोण एक-दूसरे से मिल जाएं।
(3) अब कागज के आयत पर जहां पर पेंसिल से खींची गयी रेखाएं एक-दूसरे को काटती है वहां पर सुई की नोक को टिका दो। यह बिन्दु कागज का गुरुत्व केन्द्र होगा।
(4) अब इस घिरनी को किसी सतह पर ऐसे टिकाओ कि इसे कोई वस्तु छुए नहीं और सुई सीधी खड़ी रहे ।
(5) जैसा कि चित्र में दिखाया गया है कि जब आप धीरे-धीरे अपने हाथ को इसके निकट लाओगे तभी घिरनी घूमने लगेगी। घिरनी को हाथ से छूने की जरूरत नहीं है।
(6) घिरनी के पास हाथ लाने पर पहले वह धीरे-धीरे घूमेगी और फिर वह तेजी से घूमने लगेगी। उसके घूमने की दिशा हथेली से उंगलियों की ओर होगी जैसे वह हथेली से दूर जाने की कोशिश कर रही हो। यदि बुखार से पीड़ित व्यक्ति अपना हाथ घिरनी के पास लाएगा तो वह और भी तेजी से घूमने लगेगी।
(7) हाथ हटाने पर घिरनी घूमना बंद कर देगी और फिर से हाथ पास लाने पर घिरनी दुबारा से घूमने लगेगी।