साइफन क्या है ? – साइफन द्वारा आप एक बर्तन में से दूसरे बर्तन, जो पहले बर्तन से थोडी निचली सतह पर है, द्रव पदार्थ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित करने के काम आता है। सामान्यतः साइफन में एक नली का प्रयोग किया जाता है जिसमें से तरल पदार्थ बहता है। साइफन का प्रयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है जैसे कार की पैट्रोल की टंकी से यदि पैट्रोल निकालना है तो साइफन द्वारा निकाला जा सकता है।
उद्देश्य-द्रव पदार्थ को स्थानान्तरित करने वाला साइफन बनाना ।
आवश्यक सामान-दो छोटी बाल्टियां, पानी, फ्लास्क, काँच की नली और कॉर्क ।
साइफन बनाने की विधि-एक साधारण साइफन निम्नलिखित विधि द्वारा बनाया जा सकता है
(1) एक मेज के ऊपर पानी से भरी बाल्टी रखिए और दूसरी खाली बाल्टी फर्श पर रखिए।
(2) एक रबड़ की नली लीजिए और पानी से भरी मेज पर रखी बाल्टी में डुबो दीजिए। इस नली के दूसरे सिरे को मुंह में लगा कर पानी खींचिए ताकि पानी दूसरे सिरे तक पहुंच जाए।
(3) अब नली के दूसरे सिरे को फर्श पर रखी बाल्टी में छोड़ दीजिए। आप देखेंगे कि पानी अपने आप ही खाली बाल्टी में, जो फर्श पर रखी है में आता रहता है। पानी तब तक आता रहेगा जब तक कि मेज पर रखी बाल्टी खाली नहीं हो जाती। यही साइफन प्रक्रिया है।
साइफन फव्वारा साइफन क्रिया के आधार पर एक फव्वारा भी बनाया जा सकता है।
(1) एक कॉर्क में दो छेद करो और काँच की ट्यूब लगा दो। लम्बी ट्यूब का सिरा पतला कर देना चाहिए।
(2) जैसा कि चित्र में दिखाया गया है उसी प्रकार से सभी वस्तुओं को व्यवस्थित कर लो। पानी में कोई रंग मिलाया जा सकता है।
(3) नीचे वाली बाल्टी में आने वाली नली के सिरे को मुंह में डालकर तब तक साँस द्वारा खींचो जब तक कि पानी उसमें से बाहर न आए। इसके बाद मुंह हटा लो। यह ध्यान रहे कि किसी भी अवस्था में पानी पेट में नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह पानी रंगीन है और यह रंग शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
(4) नली के निचले भाग को फर्श पर रखी बाल्टी में छोड़ दो। अब ऊपर वाली बाल्टी से पानी फव्वारे के रूप में फ्लास्क में दिखाई देगा और नीचे वाली बाल्टी में पानी आता रहेगा। इसी को साइफन फव्वारा कहते है।
इस विधि का प्रयोग कार की पैट्रोल की टंकी से पैट्रोल बाहर निकालने के लिए किया जा सकता है। यदि आपको कार के पेट्रोल की टंकी में से बाहर निकालना है तो टंकी में एक रबड़ की नली डालो और नली के दूसरे सिरे को मुंह लगाकर साँस द्वारा खींचो। जैसे ही पैट्रोल मुंह में आए, नली के सिरे को अंगुली से बंद करके एक डिब्बे में छोड़ दो और मुंह का पैट्रोल बाहर थूक दो। टंकी में से पैट्रोल डिब्बे में आना शुरू हो जाएगा और जब तक चाहें तब तक आता रहेगा।
नोट:- ध्यान रहे कि इस विधि को प्रयोग में लाते समय रंगीन पानी, पेट्रोल इत्यादि मुंह में न आने दें क्योंकि यदि यह पेट के अन्दर चला गया तो हानिकारक होता है।