भूमि की अपेक्षा रेत पर चलना कठिन क्यों होता है?
हमारे पैरों के तलवे और भूमि के बीच में गुरुता घर्षण जमीन पर पैरों को स्थिरता से रखने में सहायता करता है। जब पैरों से जमीन को धक्का दिया जाता है तो प्रक्रिया में ठोस भूमि पैरों को ऊपर की ओर धकेलती है जिससे गति उत्पन्न होती है और हम चलते हैं। रेत के कण शिथिलता से पैक होते हैं। जब पैरों से रेत को दबाया जाता है तो कण इधर-उधर हो जाते हैं और जिस बल से उन्हें दबाया जाता है उसकी प्रक्रिया में पैरों को उतने ही बल से ऊपर से नहीं धकेलता। इसके परिणाम में पैर फिसल जाता और गुरुता- घर्षण अब सरकने वाले घर्षण से आगे बढ़ने की गति हमेशा कम होती है, इसलिए रेत व कोमल भूमि पर आगे की ओर चलने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है।
पानी से नम रेत के कण के मध्य में आकर्षण बढ़ने से कण स्थिरता से पैक हो जाते हैं जिससे ये ठोस भूमि की तरह कार्य करते हैं। इसलिए पानी से भीगी हुई रेत पर चलना आसान होता है।