Author: WikiHow Hindi
दूसरे पौधों पर उगने वाली कवक, शैवाल और काई (एपीफाइटिक लाइकेन और ब्रायोफाइट्स) की वृद्धि से।
इसके तहत पर्यावरण के बदलावों का नियमित रूप से एक तय समय के बाद मापन किया जाता है।
जैसा कि नाम से ही जाहिर है कीट ऐसे जीव हैं, जो मनुष्यों, अन्य जंतुओं और पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसा पदार्थ, जो कीड़े, पतंगे, फंजाई, मोथा …
प्रकृति में कार्बन के अणुओं का प्रसार कार्बन चक्र कहलाता है। पौधे अपना भोजन बनाने के लिए हवा से कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं। जंतु इन पौधों को खाते हैं …
कृषि जंतुओं के लिए भोजन और अन्य उत्पाद प्राप्त करते रहने के लिए पौधे उगाने की प्रक्रिया है। शिकार के स्थान पर खेती शुरू करने और भोजन जमा करने …
ऐसा कोई भी पदार्थ, जो पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए मिट्टी में मिलाया जाता है, उर्वरक कहलाता है। गोबर और कूड़े की खाद (कंपोस्ट) प्राकृतिक उर्वरक हैं, जबकि …
ऐसे जंतु, जो केवल दिन में ही सक्रिय रहते हैं, दिनचर कहलाते हैं, जैसे- गाय, घोड़ा आदि। रात्रिचर जंतु वे होते हैं, जो केवल रात में ही सक्रिय होते …
किसी पर्यावरण के वे कारक, जो वहां की मिट्टी के गुणों द्वारा निर्धारित होते हैं, एडेफिक फैक्टर्स कहलाते हैं। मिट्टी में ऐसे कण होते हैं, जिनके बीच में पानी …
ऐसे जीव, जो पानी और जमीन, दोनों स्थानों पर रह सकते हैं, उभयचर कहलाते हैं। ऐसे जीव सामान्यत अपनी लार्वा अवस्था को पानी में बिताते हैं और परिपक्व अवस्था …
सभी जीवों में से 90 प्रतिशत जीवों में मुख्य रूप से 9 तत्व होते हैं। ये हैं- ऑक्सीजन 62 प्रतिशत, कार्बन 20 प्रतिशत, हाइड्रोजन 10 प्रतिशत, नाइट्रोजन 3 प्रतिशत, …