1940 के दशक के अंत में दुनिया को तीन भागों में विभाजित किया गया। पहले भाग में वे देश थे, जिनकी अर्थव्यवस्था मुख्यतः मुक्त बाजार द्वारा संचालित होती थी। दूसरे भाग में वे देश थे, जिनकी अर्थव्यवस्था केंद्रीकृत थी। तीसरी दुनिया में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के उन बचे देशों को शामिल किया गया, जो आर्थिक रूप से विकसित हो रहे देश थे। बाद में इसमें चौथी दुनिया शब्द को भी शामिल किया गया। इसमें तीसरी दुनिया को ही दो भागों बांटा गया। इसमें एक भाग उन विकसित हो रहे देशों का था, जिनके पास उच्च प्राकृतिक संसाधन हैं। दूसरे भाग में वे विकसित हो रहे देश रखे गए, जिनके पास ये संसाधन नहीं हैं।