यह पृथ्वी के वायुमंडल की वह परत है, जो मध्य मंडल (मेसोस्फीयर) के ऊपर और बाह्य मंडल (एक्सोस्फीयर) के नीचे होती है। इसका स्तर जमीन के ऊपर करीब 30 किलोमीटर पर होता है, मगर इसकी ऊपरी सीमा ज्ञात नहीं है। थर्मोस्फीयर में ज्यादातर गैसें आयनित (आयोनाइज्ड) हो जाती हैं। यहां तापमान कई डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है, लेकिन हवा की विरलता (थिननेस) के कारण वास्तव में बहुत कम उष्मा ही मौजूद होती है।