न्यूटन ने इसी विधि से प्रकाश के रंग का पता लगाया था। प्रकाश के रंग।
न्यूटन ने अपनी खोज से प्रकाश में रंग होने की बात मालूम तो की ही, साथ ही साथ इस बात का पता लगाया कि प्रकाश में कुल सात रंग होते हैं। उसने यह भी पता लगााया कि कौन किस रंग के पश्चात् होता है ।
न्यूटन ने जिस विधि से प्रकाश के रंग का पता लगाया, वह बहुत पेचीदी नहीं है। कोई भी आदमी न्यूटन की विधि से प्रकाश के रंग का पता लगा सकता है।
अपनी खिड़की पर एक दफ्ती लगा दो। दफ्ती के बीच में एक छेद कर दो। दफ्ती के पीछे एक तिकोना शीशा, जिसे त्रिपार्श्व कहते हैं, रख दो ।
देखोगे दफ्ती के छेद के भीतर से प्रकाश की किरण आ रही है, आकर तिकोने शीशे पर पड़ रही है।
अब जरा उस दीवार की ओर देखो, जो तिकोने शीशे के सामने है। देखोगे दीवार पर एक रंगदार पट्टी-सी पड़ी है, जिसमें सात रंग साफ-साफ दिखाई पड़ रहे हैं। तुम उन रंगों को देख तो सकते ही हो, गिन भी सकते हो, यह भी जान सकते हो कि, कौन रंग किस रंग के पहले और किस रंग के बाद में है।
तिकाने शीशे के सामने की दीवार पर रंगदार पट्टी क्यों बनी ? रंगदार पट्टी इसलिए बनी कि तिकोने शीशे ने प्रकाश की किरणों को सामने की दीवार की ओर मोड़ दिया। किरणों के मुड़ने से ही दीवार पर रंगदार पट्टी बन गई और वे रंग दिखाई पड़ने लगे, जो किरणों में थे।
इसी प्रकार तिकोने शीशे द्वारा किरणों के मोड़े जाने पर रंग अलग हो जाते हैं और साफ-साफ दिखाई पड़ने लगते हैं।
मुड़ी हुई किरणों को सीधी कर दिया जाये, तो प्रकाश के रंग न तो अलग-अलग दिखाई पड़ेगे और न गिने जा सकेंगे।