कम्प्यूटर पर वायरस का आक्रमण कैसे होता है ?
कम्प्यूटर वायरस एक कोमल सिनिस्टर भाग है जो अन्य भागों के साथ मिलकर कठोर डिस्क या सन्देह भाग के फ्लोपी को संक्रमित करता है। कोमल जाली का वायरस कम्प्यूटर की जाली के सूचना-भाग में फिसल जाता है। वायरस कोड प्रणाली की डिस्क और नियमित के साथ प्रतिलिपि बनाता है। बाद में जब अन्य कार्य पूरा किया जाता है तो यह अपने-आपको मिटाने के लिए कठोर डिस्क को प्रेरणा देता है। यह स्थिति नये वायरस के प्रकट होने से प्रतिदिन खराब होती रहती है जिनका पता लगाना अति कठिन होता है। अंततः इन वायरसों का दूर करना संभव नहीं रहता, क्योंकि इनकी जीवी वायरसों की भांति वृद्धि करने की प्रवृत्ति होती है।