रेफ्रिजेरेटर ठंडा कैसे हो जाता है?
रेफ्रिजेरेटर भीतरी भाग से ऊष्मा निष्कासित करके तापमान निम्न है। इसके निचले भाग में ‘फ्रिऑन’ नामक शीतक रसायन द्रव के रूप में भरा होता है। जब फ्रिज में विद्युतधारा प्रवाहित की जाती है तो एक पम्प कार्य करता है। यह पम्प ‘फ्रिऑन’ को एक ट्यूब के रास्ते से ऊपर भेजता है। ट्यूब फ्रीज़र के चारों ओर लिपटी होती है। जब द्रव वाष्प बनता है तो आसपास से ऊष्मा अवशोषित कर लेता है जिससे वह स्थान ठंडा हो जाता है। पम्प फ्रिऑन-वाष्प को नीचे खींच लेता है और उसे एक अत्यन्त संकीर्ण नली में भेजता है। यहां फ्रिऑन-वाष्प अत्यधिक दाब पर आ जाती है और पुनः द्रव में बदल जाती है। फ्रिऑन-वाष्प की गरमी फ्रिज से बाहर की वायु द्वारा अवशोषित कर ली जाती है। फ्रिऑन द्रव जैसे ही संकीर्ण नली से नीचे पहुंचता है, पम्प उसे पुनः ऊपर की ट्यूब से फ्रीज़र में भेज देता है। जब फ्रिज का भीतरी तापक्रम यथेष्ट गिर जाता है तो फ्रिज का पम्प अपना काम करना बन्द कर देता है। यह कार्य थर्मोस्टेट द्वारा होता है जो एक स्वचालित युक्ति है और तापमान गिरने पर फ्रिज के विद्युत परिपथ को भंग कर देती है।