क्या प्रकाश चलता है ?
धरती पर सूर्य से प्रकाश आता है। वह प्रकाश चलकर ही आता है। जब कमरे में बिजली की स्वीच दबाया जाता है, तो बल्ब में प्रकाश पैदा हो जाता है। सारा कमरा प्रकाश से जगमगा उठता हैं कमरे में प्रकाश चलकर ही पहुँचता है।
जब रेडियो का स्वीच दबाया जाता है, तो रेडियो या टेलीविज़न के भीतर प्रकाश पैदा हो उठता है। यह प्रकाश भी चलकर ही पहुँचता है। जिस तरह हम पैरों से चलते हैं प्रकाश उस तरह नहीं चलता । प्रकाश अपने चलने का काम अपनी लहरों के द्वारा करता है। प्रकाश की लहरों के द्वारा करता है। प्रकाश की लहरें बड़ी-छोटी होती हैं। हम प्रकाश की चमक को तो देख सकते पर उसकी छोटी-छोटी लहरों को नहीं देख सकते।
प्रकाश की लहरों की चाल बड़ी तेज होती है। इतनी तेज होती है कि, पलक मारते वे लहरें कहीं से कहीं पहुँच जाती है।
एक वैज्ञानिक का कहना है, लहरें एक सेकेण्ड में पृथ्वी का साढ़े सात बार चक्कर लगा सकता हैं।
अगर लहरों की चाल इतनी तेज न होती, तो सूर्य के प्रकाश को धरती पर पहुँचने में हजारों-लाखों वर्ष लग जाते, क्योंकि सूर्य पृथ्वी से करोड़ों मील दूर है।