ऑक्सीजन जलने में सहायता करती है परन्तु कार्बन डाई-ऑक्साइड क्यों नहीं?
दहन एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें ऑक्सीजन से संयोजित होकर पदार्थ से ऊष्मा और प्रकाश की अत्यधिक मात्रा मुक्त होती है। इसमें प्रतिकारक, अणुओं की रासायनिक बंधता टूटती है और उत्पाद अणुओं में बंधता बनती है।
CH4 + 202 CO2 + 2H2O
मीथेन ऑक्सीजन कार्बन डाई ऑक्साइड जल
इस प्रतिक्रिया में C-H और O-O बंधताएँ टूटती हैं और नई C-O तथा O-H बंधताएँ बनती हैं। मीथेन और ऑक्सीजन में बंधताएँ कार्बन डाई ऑक्साइड तथा जल बंधताओं की तुलना में दुर्बल होती हैं, इसलिए जल और कार्बन डाई-ऑक्साइड के बनने में मुक्त होने वाली ऊर्जा से अधिक होती है। इसके परिणामस्वरूप दहन-प्रक्रम में शुद्ध ऊर्जा से अधिक होती है। दुर्बल रासायनिक बंधता को ‘ऊर्जा धनी’ बंधता कहते हैं। अत्यधिक दृढ़ता से बंधताएँ वाले उत्पाद बनने के कारण कार्बन डाई-ऑक्साइड दहन-प्रक्रम में भाग नहीं लेती।